ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्।।

अर्थात: ऋषि मुनी कहते हैं तुम त्यागपुर्वक भोगो को भोगो । आवश्यकता से अधिक संग्रह मत करो। जो तुमने भोग लिया उसे दुसरो के लिये छोड़ दो...

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धर्म

संसार का हर इंसान भटक रहा है। नये नये धर्मो के निर्माण और , मैं ही श्रेष्ठ की दौड में , सही विचारों को कुचल रहा है। धर्म क्...

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अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना

💥💥🚩🚩💥💥 अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना 💥💥🚩🚩💥💥 💥💥💥💥🚩🚩💥💥💥💥 अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना 💥💥💥💥🚩🚩💥💥💥💥 💥🚩राष्ट्रकवि रामधारीसिंह 'दिन...

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सुख

सुख हमे हमारी क्षमतानुसार नही तो हमे हमारी ईच्छानुसार चाहिए होता है। ॐ HAPPINESS We want happiness not according to our capaci...

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शांति पाठ

ॐ पूर्णमद:. पूर्णमिदं पूर्णात पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।। ॐ शांति: शांति: शांति: व्याख्या : वह स...

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दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दिपावली का दिपक

मुझे पता था ऐसा होगा कलियुग मे मानव अतिस्वार्थ से भरा होगा सिवा उसे खुदके परवाह न होगी किसीकी इसलिए संपूर्ण जीवन मेरा ...

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