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अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना
💥💥🚩🚩💥💥 अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना 💥💥🚩🚩💥💥
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अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना
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💥🚩राष्ट्रकवि रामधारीसिंह ‘दिनकर‘ 🚩💥
द्वारा रचित
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यह नववर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना यह त्योहार नहीं
है अपनी यह तो रीत नहीं
है अपना यह व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से
आकाश में कोहरा गहरा है
बाग बाजारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृती का आंगन
कुछ रंग नहीं उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही
क्यों नकल मे सारी अक्ल बही.
उल्लास मंद है जन-मन का
आई है अभी बहार नहीं
ये नववर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना यह त्योहार नहीं
ये धुंद कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार
जब स्नेह- सुधा बरसाएगी
शस्य-श्यामला धरती माता
घर-घर खुशिहाली लाएगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथी
नववर्ष मनाया जाएगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय गान सुनाया जाएगा
युक्ति प्रमाण से स्वयंसिद्ध
नववर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की किर्ती सदा- सदा
नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिको को
चाहिए कोई उधार नहीं
ये नववर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना यह त्योहार नहीं
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अंग्रेजी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
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वेद आनंदम् परिवार