वेद आनंदम्

रामायण चौपाई

रामायण चौपाई 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

बिनु सत्संग विवेक न होई।

राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।।

सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।

पारस परस कुघात सुहाई।।

🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

अर्थ : तुलसीदास कहते हैं…….. सत्संग के बिना विवेक नहीं होता ,अर्थात अच्छा बुरा समझने की क्षमता विकसित नहीं होती है, राम की कृपा बिना अच्छी संगति की प्राप्ति नहीं होती । सत्संगति से ही हमें अच्छे ज्ञान की प्राप्ति होती है। दुष्ट प्रकृति के लोग भी सत्संगति से सुधर जाते है, जैसे पारस पत्थर के स्पर्श से लोहा भी सुंदर सोना बन जाता है ।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

सभी सनातनी प्रियजनों को राम जन्मोत्सव की मन पूर्वक हार्दिक शुभकामनाएं।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *