24 जनवरी ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्।। पढ़ते रहें 24 जनवरी सामवेद की महत्ता पढ़ते रहें 24 जनवरी धर्म पढ़ते रहें 24 जनवरी अंग्रेजी नव वर्ष की शुभकामना पढ़ते रहें 24 जनवरी सुख पढ़ते रहें 24 जनवरी चारित्र्य और सफलता पढ़ते रहें 24 जनवरी शांति पाठ पढ़ते रहें 24 जनवरी ईशावास्योपनिषद् पढ़ते रहें 24 जनवरी भौतिक और आध्यात्मिक जगत पढ़ते रहें 24 जनवरी दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दिपावली का दिपक पढ़ते रहें 24 जनवरी धर्म की परिभाषा एवं चिंतन ******************* पढ़ते रहें 24 जनवरी ॐ अग्निमिळें पुरोहितं यज्ञस्य देव मृत्विजम्।होतारं रत्नधातमम् ।। १ ।। पढ़ते रहें
24 जनवरी ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत। तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्।। पढ़ते रहें