Ved Anandam

चारित्र्य और सफलता

सामान्यत: मनुष्य को प्राप्त सफलता ही समाज में उसका स्थान निश्चित करती है।जिसके पास विपुल धन है उसका मान रखा जाता है। वीरश्री युक्त लढवैयों का कौतुहल होता है।अधिकार पद प्राप्त व्यक्ती का सम्मान होता है और ऐसी महान व्यक्ती के साथ हमारा परिचय हो तो हमें भी गर्व महसूस होता है। ज्ञानवान महापुरुषों का सभी को आदर होता है।

मानव जन्म के साथ इनमे से कुछ भी साथ में नहीं लाता,फिर भी स्वकर्म से वह ऐसी क्षमता निर्माण करता है। उसके लिये सोलह संस्कार का आचरण माता पिता और परिवार द्वारा होता है तभी शुद्ध विचारों वाली संतान का जन्म होता है।

वेद,पुराण,उपनिषदों का सहारा ले और सनातन संस्कृती में मार्गस्थ होवें।

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