Satyanarayan Puja

श्री सत्यनारायण पूजा विधि
सत्यनारायण पूजा एवं भगवान विष्णु से सम्बन्धित अन्य प्रमुख अवसरों पर पौराणिक मन्त्रों के उच्चारण के सहित सभी सोलह अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सभी 16 अनुष्ठानों के द्वारा देवी-देवताओं का पूजन, षोडशोपचार पूजा के रूप में वर्णित किया जाता है।
- ध्यानम्
श्री सत्यनारायण भगवान का ध्यान करते हुये पूजन आरम्भ करना चाहिये। ध्यान सत्यनारायण जी के चित्र अथवा मूर्ति के समक्ष करना चाहिये। भगवान सत्यनारायण का ध्यान करते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये।
श्री सत्यनारायण पूजा
श्री सत्यनारायण ध्यान मन्त्र
ध्यायेत् सत्यं गुणातीतं गुणत्रयसमन्वितम्।
लोकनाथं त्रिलोकेशं कौस्तुभाभरणं हरिम्॥
नीलवर्णं पीतवस्त्रं श्रीवत्सपदभूषितम्।
गोविन्दं गोकुलानन्दं ब्रह्माद्यैरपि पूजितम्॥
- आवाहनम्
भगवान सत्यनारायण का ध्यान करने के उपरान्त मूर्ति के समक्ष दोनों हथेलियों को जोड़कर तथा दोनों अँगूठों को अन्दर की ओर मोड़कर आवाहन मुद्रा प्रदर्शित करते हुये निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये।
श्री सत्यनारायण आवाहन मन्त्र
दामोदर समागच्छ लक्ष्म्या सह जगत्पते।
इमां मया कृतां पूजां गृहाण सुरसत्तम॥
ॐ श्रीलक्ष्मी-सहित-श्रीसत्यनारायणम् आवाहयामि। - आसनम्
भगवान सत्यनारायण का आवाहन करने के पश्चात्, अञ्जलि (दोनों हाथों की हथेली को मिलाकर) में पाँच पुष्प लें तथा उन्हें निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये मूर्ति के समक्ष छोड़ दें तथा मन ही मन श्री सत्यनारायण भगवान से आसन ग्रहण करने का आग्रह करें।
श्री सत्यनारायण आसन मन्त्र
नानारत्नसमाकीर्णं कार्तस्वरविभूषितम्।
आसनं देवदेवेश! प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः आसनं समर्पयामि। - पाद्यम्
आसन अर्पित करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री सत्यनारायण देव को चरण प्रक्षालन हेतु जल अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण पाद्य मन्त्र
नारायणः नमस्तेऽस्तु नरकार्णवतारक।
पाद्यं गृहाण देवेश! मम सौख्यं विवर्धय॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः पादयोः पाद्यं समर्पयामि। - अर्घ्यम्
पाद्य प्रक्षालन के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, सत्यनारायण भगवान को अभिषेक हेतु जल अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण अर्घ्य मन्त्र
व्यक्ताव्यक्तस्वरूपाय हृषीकपतये नमः।
मया निवेदितो भक्त्या अर्घ्योऽयं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि। - आचमनीयम्
अर्घ्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, सत्यनारायण भगवान को आचमन हेतु जल अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण आचमनीय मन्त्र
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्।
तदिदं कल्पितं देव सम्यगाचम्यतां विभो॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः आचमनीयं समर्पयामि। - पञ्चामृत-स्नानम्
आचमनीय अर्पण के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये श्री सत्यनारायण भगवान को पञ्चामृत (दुग्ध, दही, मधु, घृत तथा शर्करा के मिश्रण) से स्नान करायें।
श्री सत्यनारायण पञ्चामृत-स्नान मन्त्र
स्नानं पञ्चामृतैर्देव गृहाण सुरसत्तम।
अनाथनाथसर्वज्ञ गीर्वाणप्रणतप्रिय॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः पञ्चामृतस्नानं समर्पयामि। - शुद्धोदक-स्नानम्
पञ्चामृत स्नान अर्पित करने के उपरान्त, श्री सत्यनारायण को निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये शुद्ध जल से स्नान करायें।
श्री सत्यनारायण शुद्धोदक-स्नान मन्त्र
नानातीर्थसमानीतं सर्वपापहरं शुभम्।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि। - वस्त्रम्
शुद्धोदक स्नान अर्पण के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, सत्यनारायण भगवान को नवीन वस्त्र अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण वस्त्र मन्त्र
शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जायाः रक्षणं परम्।
देहालङ्करणं वस्त्रं प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः वस्त्रयुग्मं समर्पयामि। - यज्ञोपवीतम्
वस्त्र अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री सत्यनारायण भगवान को पवित्र सूत्र अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण यज्ञोपवीत मन्त्र
ब्रह्माविष्णुमहेशेन निर्मितं सूत्रमुत्तमम्।
गृहाण भगवन् विष्णो सर्वेष्टफलदो भव॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः यज्ञोपवीतं समर्पयामि। - चन्दनम्
यज्ञोपवीत अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री सत्यनारायण भगवान को चन्दन अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण चन्दन मन्त्र
श्रीखण्डं चन्दनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः चन्दनं समर्पयामि। - पुष्पाणि
चन्दन अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री सत्यनारायण भगवान को पुष्प अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण पुष्पाणि मन्त्र
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
मया हृतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः पुष्पाणि समर्पयामि। - धूपः
पुष्प अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री सत्यनारायण भगवान को धूप अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण धूप मन्त्र
वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तमः।
आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः धूपम् आघ्रापयामि। - दीपः
धूप अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान सत्यनारायण के निमित्त शुद्ध घी का दीप प्रज्वलित कर अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण दीप मन्त्र
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना दीपितं मया।
दीपं गृहाण देवेश मम सौख्यप्रदो भव॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः दीपं दर्शयामि। - नैवेद्यम्
दीप अर्पित करने के उपरान्त, हस्तप्रक्षालन करके प्रभु को नैवेद्य अर्पित करें। नैवेद्य में विभिन्न प्रकार के फल तथा मिष्ठान्न सम्मिलित कर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये भगवान सत्यनारायण को अर्पित करना करना चाहिये।
श्री सत्यनारायण नैवेद्य मन्त्र
घृतपक्वं हविष्यान्नं पायसं च सशर्करम्।
नानाविधं च नैवेद्यं गृह्णीष्व सुरसत्तम॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः नैवेद्यं निवेदयामि। - ताम्बूलम्
नैवेद्यम् अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान सत्यनारायण को ताम्बूल (पान-सुपारी) अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण ताम्बूल मन्त्र
लवङ्गकर्पूरसंयुक्तं ताम्बूलं सुरपूजितम्।
एलादिचूर्णसंयुक्तं प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः ताम्बूलं समर्पयामि। - फलम्
ताम्बूल अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान सत्यनारायण को ऋतुफल अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण फल मन्त्र
इदं फलं मया देव! स्थापितं पुरतस्तव।
तेन मे सफलावाप्तिर्भवेज्जन्मनि जन्मनि॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः फलं समर्पयामि। - आरार्तिक्यम् (आरती)
फल अर्पित करने के उपरान्त, पूजा की थाली में कपूर प्रज्वलित करके भगवान सत्यनारायण की आरती करें। निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करने के पश्चात् भगवान सत्यनारायण की प्रशन्सा में श्री सत्यनारायण आरती का गायन करें।
श्री सत्यनारायण आरार्तिक्य मन्त्र
चतुर्वर्तिसमायुक्तं गोघृतेन च पूरितम्।
आरार्तिक्यमहं कुर्वे पश्य मे वरदो भव॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः मङ्गल-आरार्तिक्यं समर्पयामि। - प्रदक्षिणा
आरती करने के उपरान्त, पुष्पों सहित श्री सत्यनारायण भगवान की प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा (परिक्रमा) करें।
श्री सत्यनारायण प्रदक्षिणा मन्त्र
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च।
तानि तानि विनश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः प्रदक्षिणां समर्पयामि। - मन्त्रपुष्पाञ्जलिः
प्रदक्षिणा के उपरान्त, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये भगवान सत्यनारायण को मन्त्र सहित पुष्प अर्पित करें।
श्री सत्यनारायण मन्त्र पुष्पाञ्जलि
यन्मया भक्तियुक्तेन पत्रं पुष्पं फलं जलम्।
निवेदितं च नैवेद्यं तद्गृहाणानुकम्पया॥
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे॥
अनया पूजया श्रीविष्णुः प्रसीदतु॥
ॐ श्रीसत्यनारायणाय नमः पुष्पाञ्जलिं समर्पयामि।